Success Story: एग्री ग्रेजुएट ने किया कमाल, 5 लाख लगाकर कमा लिया ₹50 लाख, जानिए सफलता का राज
Success Story: केंद्र सरकार खेती की लागत कम करने के लिए जैविक खेती (Organic Farming) और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा दे रही है. जैविक खेती की महत्ता को देख उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के ज्ञानपुर गांव के रहने वाले किसान रामेश्वर सिंह ने ऑर्गेनिक कंसल्टेंसी का काम शुरू किया.
2 महीने की ट्रेनिंग से बदली किस्मत. (File Photo)
2 महीने की ट्रेनिंग से बदली किस्मत. (File Photo)
Success Story: केंद्र सरकार खेती की लागत कम करने के लिए जैविक खेती (Organic Farming) और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा दे रही है. जैविक खेती की महत्ता को देख उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के ज्ञानपुर गांव के रहने वाले किसान रामेश्वर सिंह ने ऑर्गेनिक कंसल्टेंसी का काम शुरू किया. जैविक उत्पादों को किसानों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने एग्री क्लिनिक की स्थापना की. आज उनके बिजनेस का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये है.
2 महीने की ट्रेनिंग से बदली किस्मत
रामेश्वर सिंह एग्रीकल्चर में ग्रेजुएट हैं और वे गांव के एक प्रोग्रेसिव किसान हैं. इसके साथ वे अपने ग्राम पंचायत के एक्विट मेंबर हैं. एक बार उन्होंने एग्री-क्लिनिक और एग्री बिजनेस सेंटर में कृषि विज्ञान केंद्र कौशाम्बी द्वारा ओरिएंटेशन प्रोग्राम में हिस्सा लिया. वह एसी और एबीसी योजना के तहत लाभों और एक्सटेंशन सर्विसेज से आश्वस्त थे. उसके बाद, उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), कौशाम्बी से संपर्क किया और दो महीने के रेजिडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया.
ये भी पढ़ें- औषधीय गुणों से भरपूर जिमीकंद की करें खेती, होगी तगड़ी कमाई, जानिए सभी जरूरी बातें
5 लाख रुपये बचत से की शुरुआत
TRENDING NOW
बाजार बंद होते ही Tata ग्रुप की इस कंपनी ने पेश किए दमदार नतीजे, 265% बढ़ा मुनाफा, कल शेयर में दिखेगा एक्शन
SBI ATM Card पर लगते हैं कई तरह के चार्ज, Free का समझकर लोग नहीं देते ध्यान, अकाउंट से कटते रहते हैं पैसे!
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
बैंकों में कबाड़ की शक्ल में गिरे पड़े थे '₹4.5 करोड़', खास कैंपेन चलाकर बटोरे, देखने वाले हो रहे हैरान
ट्रेनिंग लेने के बाद रामेश्वर ने अपनी बचत के साथ एग्री-क्लिन की स्थापना की. उन्होंने 9 एग्री-कंपनियों के साथ औपचारिक समझौते किए हैं. साथ ही पांच गांवों रिटेल केंद्र स्थापित किए हैं जहां किसान एग्री-इनपुट खरीद सकते हैं. रामेश्वर सिंह ने बेरोजगार ग्रामीण युवकों को नौकरी दी. उन्हें इफको एजेंसी से सब्सिडी वाली खाद बेचने का लाइसेंस मिला. उसने किसानों को रजिस्टर्ड किया और जोत और फसल पैटर्न के अनुसार उर्वरकों का डिस्ट्रीब्यूशन किया.
ये भी पढ़ें- किसानों के लिए जरूरी खबर! 10 साल से कम पुराने धान बीज की करें बुवाई, सरकार देगी 2000 रुपये
सालाना 50 लाख रुपये का कारोबार
सॉइल टेस्टिंग के महत्व को समझाने के लिए किसान प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है. रामेश्वर ने कहा, अलग विषय पर भविष्य में और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे. उनके फर्म का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये है. वो 28 गांवों के 1500 किसानों को अपनी सेवा दे रहे हैं.
ये भी पढ़ें- Business Ideas: गांव में अपनी मंडी और ग्रामीण बाजार से कमाएं मोटा मुनाफा, सरकार दे रही ₹12.50 लाख
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
04:44 PM IST